maharana pratap singh history

Maharana Pratap History, Bio, height, wife, death: पूरी जानकारी

महाराणा प्रताप भारत के वो लाल हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नों में अमर हो चूका हैं। महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में बहुत सी ऐतिहासिक लड़ाइयां लड़ी हुई हैं। उन्होंने अपने पुरे जीवन में किसी के सामने कभी भी सर नहीं झुकाया था। जाने उनके जन्म, बच्चों, पत्नियों, लम्बाई, इत्यादि के अलावा उनका जीवन कैसा था। और उन्होंने अपने जीवन के अंतिम छड़ कैसे बिताये थे। इसके अलावा जाने Maharana Pratap की history के बारे में सब कुछ।

Maharana Pratap history in Hindi

maharana pratap history

Maharana Pratap’s birth

महाराणा प्रताप का जन्म गुरूवार को 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ के किले में हुआ था। उनके पिताजी तब के मेवाड़ के महाराणा थे। उनका नाम उदय सिंह द्वितीय था।

महाराणा प्रताप के तीन छोटे भाई शक्ति सिंह, जगमल सिंह, विक्रम सिंह के अलावा उनकी दो सौतेली बहनें भी थी। उनकी बहनों का नाम चाँद कँवर और मान कँवर था।

महाराणा उदय सिंह द्वितीय की मृत्यु के बाद रानी धीर बाई अपने पुत्र जगमल को राजगद्दी पर बैठाना चाहती थी। लेकिन वहां के महत्वपूर्ण राज दरबारियों ने प्रताप सिंह को राजगद्दी पर बैठाने और प्रताप को राजा बनाने की बात रखी और वो इसमें कामयाब भी हो गए।

राजगद्दी पर बैठने के बाद प्रताप मेवाड़ के 54 वे सिसौदिया राजपूत राजा बने और तब से वे महाराणा प्रताप के नाम से विश्व विख्यात हो गए।

After Maharana Pratap’s coronation (राज्याभिषेक)

राणा सांगा के 1527 में खानवा के युद्ध में हारने के बाद, 1568 में चित्तौरगढ़ की घेराबंदी के दौरान उदय सिंह द्वितीय के हार के बाद भी मेवाड़ और मुग़लों में शान्ति नहीं हुई और लड़ाइयां, विवाद, घेराबंदी, इत्यादि चीज़ें चलती रही।

महाराणा प्रताप सिंह के राजा बनने के बाद उन्होंने मुग़लों के सामने झुकने से मना कर दिया। इसकी वजह से प्रताप और अकबर में विवाद बढ़ता ही गया और हल्दीघाटी के युद्ध पर जा कर रुका।

हल्दीघाटी के युद्ध में मुग़ल जीत गए लेकिन उनकी जीत से वे ना खुश थे। क्योंकि ना तो वो महाराणा प्रताप को पकड़ पाए और ना ही उनके किसी करीबी इंसान को।

See also  Princess Diya Kumari: जाने इनकी जीवनी, पति, बेटी और सभी जानकारी

इतिहासकार विजय नहर के किताब हिंदु सूर्य महाराणा प्रताप के अनुसार महाराणा उदय सिंह ने गुरिल्ला युद्ध का आविष्कार किया था। उन्होंने युद्ध की ये कला खुद कभी नहीं इस्तेमाल की थी।

लेकिन बाद में आये हिन्दू शासकों जैसे महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवजी महाराज ने इस कला का अच्छे से इस्तेमाल किया और जीत पायी।

Maharana Pratap’s full info

maharana pratap jayanti

Maharana Pratap Jayanti

महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर बहुत से लोग असमंजस में रहते हैं। क्योंकि लोग बहुत बार उनकी जयंती साल में दो बार मनाते हैं। इसके पीछे भी एक ख़ास कारण है जो बहुत से लोगों को नहीं पता। दरअसल उनकी जयंती दो पंचांगों के अनुसार मनाई जाती हैं।

एक हमारा हिन्दू पंचांग और दूसरा ज्यादातर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर माना जाने वाला जॉर्जियाई पंचांग (Gregorian Calendar)। जॉर्जियाई पंचांग (इंग्लिश या वेस्टर्न कैलेंडर) के अनुसार महाराणा प्रताप की जन्म तिथि (Maharana Pratap date of birth) 9 मई 1540 दिन गुरुवार हैं।

हिन्दू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ (मई-जून) महीने के शुक्ल पक्ष के तृतीया को गुरु पुष्य नक्षत्र में विक्रम संवत 1597 को हुआ था। इन्ही दोनों पंचांगों की वजह से महराणा प्रताप की जयंती अलग-अलग दिन भी मनाई जाती हैं।

Maharana Pratap height

महाराणा प्रताप भारत के सबसे मजबूत और लम्बे-चौड़े शासकों में से एक थे। महाराणा प्रताप की लम्बाई लगभग 7 फ़ीट और 5 इंचस थी। इतने लम्बे होने के साथ-साथ उनका वजन भी बहुत ज्यादा था। उनका वजन लगभग 110 किलो था।

Maharana Pratap wife

महाराणा प्रताप की कुल मिलाकर ग्यारह पत्नियां थी। लेकिन उनकी सबसे पसंदीदा थी उनकी पहली पत्नी अजबदे पुंवर।

महाराणा प्रताप की सभी पत्नियों के नाम:-

  • रानी अजबदे पुंवर
  • रानी सोलनखिनीपुर बाई
  • रानी चंपा बाई झाटी
  • रानी जसो बाई चौहान
  • रानी फूल बाई राठौड़
  • रानी शाहमती बाई हाड़ा
  • रानी खिचर आशा बाई
  • रानी अलमदे बाई चौहान
  • रानी रत्नावती बाई परमार
  • रानी अमर बाई राठौड़
  • रानी लखा बाई

महाराणा प्रताप की पत्नियों के बारे में और भी पढ़ने के लिए क्लिक करें Maharana Pratap Spouse: जाने महाराणा प्रताप की पत्नियों के बारे में 

Maharana Pratap father name

महाराणा प्रताप के पिताजी का नाम महाराणा उदय सिंह द्वितीय हैं। और उनकी माताजी का नाम महारानी जयवंती बाई सोनगरा हैं। महाराणा उदय सिंह मेवाड़ के शासक थे। उन्होंने ही उदयपुर शहर की स्थापना की थी। उदय सिंह राणा सांगा के चौथे पुत्र थे।

See also  Shrenu Parikh: बायोग्राफी, कोन है इनके पति, लव स्टोरी

Maharana Pratap children

महाराणा प्रताप के 11 पुत्र और 5 पुत्रियां थी। कुल मिलाकर महाराणा प्रताप के 22 बच्चे थे। महाराणा प्रताप के बाद उनके सबसे बड़े बेटे अमर सिंह ने उनकी जगह ली और वो मेवाड़ राजवंश के 14 वे महाराणा बने।

महाराणा प्रताप का परिवार

महाराणा प्रताप के ग्यारह पुत्रों के नाम:-

  • कुँवर अमर सिंह
  • कुँवर भगवान दास सिंह
  • कुँवर साहस मल सिंह
  • कुँवर गोपाल सिंह
  • कुँवर काचरा सिंह
  • कुँवर सांवल दास सिंह
  • कुँवर दुर्जन सिंह
  • कुँवर कल्याण दास सिंह
  • कुँवर चंदा सिंह
  • कुँवर शेखा सिंह
  • कुँवर पूर्ण मल सिंह
  • कुँवर हाथी सिंह
  • कुँवर राम सिंह
  • कुँवर जसवंत सिंह
  • कुँवर माना सिंह
  • कुँवर नाथा सिंह
  • कुँवर राय भान सिंह

महाराणा प्रताप की पाँचों पुत्रियों के नाम:-

  • कुँवरी रखमावती
  • कुँवरी रामकंवर
  • कुँवरी कुसुमावती
  • कुँवरी दुर्गावती
  • कुँवरी सुक कंवर

Who killed Maharana Pratap?

who killed maharana pratap

जब महाराणा प्रताप शिकार खेलने के लिए गए हुए थे। तब वे शिकार करने के दौरान बहुत ज्यादा घायल हो गए। उनके घाव बहुत ज्यादा गहरे थे। उन घावों ने उनके शरीर को कमजोर बना दिया था। इसी वजह से 19 जनवरी 1597 को, 56 साल की उम्र में ही महाराणा प्रताप की मृत्यु चावंड में हो गई।

चावंड से एक या दो मील दूर बंदोली गांव हैं जहाँ पर नदी के किनारे महाराणा प्रताप का अंतिम संस्कार किया गया था। उसी जगह एक स्मारक भी बनाया गया हैं, जिसे महाराणा प्रताप की छत्री के नाम से जाना जाता हैं।

महाराणा प्रताप की मृत्यु के बाद उनकी जगह, उनके सबसे बड़े पुत्र अमर सिंह को दी गई। महाराणा प्रताप ने मरने से पहले अपने पुत्र अमर सिंह से मुग़लों के आगे ना झुकने का और चित्तौड़ को फिर से हासिल करने का वचन लिया।

Maharana Pratap’s movie

महाराणा प्रताप के इतिहास के ऊपर बहुत से टीवी सीरियलस बने है और इसके अलावा उनके ऊपर मूवी भी बनी हैं। महाराणा प्रताप के ऊपर साल 2012 में एक फिल्म बानी थी जिसका नाम Maharana Pratap: The First Freedom Fighter हैं।

इस मूवी को राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों में 12 अक्टूबर 2012 को रिलीज़ किया गया था। मई 2022 में पहली बार इस मूवी को ओ टी टी प्लेटफार्म एम एक्स प्लेयर पर रिलीज़ किया गया था।

See also  Vishnu Deo Sai: जाने इनकी जीवनी, पोलिटिकल करियर और पूरी जानकारी

इस फिल्म में हल्दीघाटी के युद्ध को दिखाया गया है। इसके अलावा इस मूवी में महाराणा प्रताप की अकबर और मान सिंह के साथ हुई लड़ाइयों को भी दिखाया गया हैं।

फिल्मों के अलावा महाराणा प्रताप के ऊपर टीवी सीरियलस जैसे जोधा-अकबर, भारत का वीर पुत्र-महाराणा प्रताप, इत्यादि बने हैं। इनके अलावा महाराणा प्रताप की बायोग्राफी के ऊपर कई एपिसोड्स भी अलग-अलग टीवी चैनल्स पर प्रसारित किये गए हैं।

Maharana Pratap photo

maharana pratap photo

दोस्तों महाराणा प्रताप की असली फोटो कही पर भी उपलब्ध नहीं हैं। अलग-अलग कलाकारों ने अपने हिसाब से महाराणा प्रताप का चित्र बनाया है। उनकी बहुत सी पेंटिंग्स बनाई गई है।

उनमे से एक पेंटिंग जो की उनके असल जीवन को दर्शाता है, जिसमे वो अपनी रानी के साथ बैठे हुए है, हमने उसे ऊपर लगा दिया हैं। इस पेंटिंग का स्रोत सैन डिएगो कला संग्रहालय (The San Diego Museum of Art) हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

महाराणा प्रताप मेवाड़ राज्य के राजा था। वे एक बहुत प्रसिद्द राजपूत शासक थे। दोस्तों उनका जीवन बहुत ही संघर्ष और कठिनाइयों से भरा हुआ था।

जब से उन्होंने अपनी राजगद्दी संभाली थी तब से ही उन्होंने अपना पूरा जीवन अपने राज्य और प्रजा को समर्पित कर दिया था। कुछ लोगों के अनुसार उन्होंने अपनी सैन्य छमता और राजनितिक दायरा बढ़ाने के लिए कई राज्य की राजकुमारियों से विवाह भी किया था।

अगर हम महाराणा प्रताप के इतिहास को देखे तो हमे पता चलेगा की उनके जीवन में इतनी कठिनाइयां होने के बावजूद भी वो अपनी प्रजा और परिवार दोनों का अच्छे से ध्यान रखते थे। महाराणा प्रताप ने अपनी जिंदगी में कभी भी किसी से हार नहीं मानी और मुग़लों के सामने भी कभी नहीं झुके।

Read More: Bhagat Singh Biography: भगत सिंह का जीवन परिचय हिंदी में

FAQ (Frequently Asked Questions)

महाराणा प्रताप के तलवार का वजन कितना हैं?

महाराणा प्रताप के पास दो तलवारें थीं। उनके दोनों तलवारों का वजन लगभग 50 किलो हैं और एक तलवार का वजन लगभग 25 किलो के आस-पास हैं। फिलहाल उनकी तलवारें महाराणा प्रताप संग्रहालय उदयपुर राजस्थान में रखी हुई हैं।

महाराणा प्रताप सिंह के घोड़े चेतक ने युद्ध मे नकली हाथी की सूण्ड क्यों पहनी थी?

युद्ध के दौरान बड़े हाथी को भ्रमित करने के लिए राजपूत इस तरीके को युद्ध मे इस्तेमाल करते थे। दुश्मनों के हथियों को, सूण्ड लगे हुए घोड़े हाथी के छोटे बच्चे के जैसे नजर आते थे। इसलिए वो उनपर जल्दी हमला नहीं करते थे। इसका फ़ायदा उठाकर दुश्मनों पर हमला किया जा सकता हैं।


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *