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Bhagat Singh Biography: भगत सिंह का जीवन परिचय हिंदी में

वीर भगत सिंह हमारे देश के एक महान और बहादुर क्रांतिकारी थे। उन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राण छोटी सी युवा अवस्था में हस्ते-हस्ते दे दिए। भगत सिंह ने इतनी कम आयु में ही अंग्रेजी हुकूमत की बुनियाद हिला दी थी। इस लेख में आप Bhagat Singh की जीवनी के बारे में जानेंगे। आप इस लेख में उनके जन्म, मृत्यु, भाई-बहन, परिवार, जन्मस्थल इत्यादि के अलावा उनके द्वारा दिए गए अनमोल विचारों और क्रांतिकारी नारों के बारे में भी जानेंगे।

भगत सिंह का जीवन परिचय हिंदी में (Bhagat Singh biography in Hindi)

veer bhagat singh

भगत सिंह एक क्रांतिकारी और राष्ट्र प्रेमी युवा थे। उनका जन्म एक पंजाबी जाट सिख परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम किशन सिंह संधू और माताजी का नाम विद्यावती था। उनके पिताजी और चाचा अजित सिंह भी बहुत से आन्दोलनों में हिंसा लेते थे और गलत के खिलाफ आवाज़ उठाते थे।

भगत सिंह के चाचा सरदार अजित सिंह ने भारतीय देशभक्त संघ की स्थापना की थी। सरदार अजित सिंह ने चिनाब नहर कॉलोनी बिल के खिलाफ आंदोलन किया। अजित सिंह के खिलाफ बहुत सारे मामले दर्ज़ हो गए थे जिस कारण वे ईरान जाने को मजबूर हो गए।

इसके अलावा उनके परिवार ने ग़दर पार्टी का समर्थन भी किया। वीर भगत सिंह ने ये सारी चीज़ें बचपन से ही अपने परिवार और अपने आस-पास देखि थी। वे इन सभी चीज़ों को देखते हुए ही बड़े हुए थे जिस कारण उनमे देशभक्ति और अंग्रेजो के खिलाफ नफरत बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी।

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Bhagat Singh history

भगत सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा (पांचवी तक) अपने बांगा गाँव में ही ली थी। इसके बाद उनका नाम लाहौर के दयानन्द एंग्लो-वैदिक हाई स्कूल (DAV School) में लिखवाया गया। उन्होंने साल 1923 में लाहौर के लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित नेशनल कॉलेज में जाना शुरू कर दिया। उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

युवाओं के बीच भगत सिंह का प्रभाव देख अंग्रेजी पुलिस ने उन्हें मई 1927 में गिरफ्तार कर लिया। भगत सिंह को पुलिस ने 1926 के लाहौर बम विस्फोट में शामिल होने के बहाने से हिरासत में लिया था। लगभग एक महीने के बाद भगत सिंह को 60 हज़ार रूपए की जमानत पर छोड़ा गया।

उन्होंने अपनी छोटी सी आयु में ही बहुत खून ख़राबा देख लिया था। उनके साथ बचपन में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई थी जिसने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। ये बात है 13 अप्रैल 1919 की जब जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।

इस जलियांवाला बाग हत्याकांड में अंग्रेजी पलिस ने सैकड़ों निर्दोष लोगों पर गोलियाँ चलाई और उन्हें मार दिया। भगत सिंह ने उस वक्त अपने लोगों को अपने आँखों के सामने चीख़ते-चिल्लाते और मरते हुए देखा था। इस घटना ने उनके मन में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बहुत नफरत भर दी।

Bhagat Singh death

भगत सिंह को जॉन सॉन्डर्स और चन्नन सिंह की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराया गया। उन्हें 23 मार्च साल 1931 को सिर्फ 23 उम्र में फांसी लटका दिया गया। उनको अंग्रेजी शासन काल के पंजाब प्रान्त के लाहौर के, लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी गयी जो की अब पाकिस्तान के पंजाब के लाहौर जिले में हैं।

भगत सिंह के बारे में (About Bhagat Singh in Hindi)

भगत सिंह का जन्म कब हुआ था? (Bhagat Singh birthday)

Bhagat Singh का date of birth 27 सितम्बर 1907 है। भगत सिंह जयंती (Bhagat Singh Jyanti) भी इस दिन यानी 27 सितम्बर को पुरे देश में मनाई जाती हैं। इस दिन हर कोई उन्हें और उनके विचारों को याद करता है।

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Bhagat Singh’s full name

उनका पूरा नाम भगत सिंह संधू हैं।

Bhagat Singh’s birthplace

भगत सिंह का जन्म अंग्रेजों के शासन काल के दौरान रहे पंजाब के लायलपुर जिले में स्तिथ बंगा गाँव में हुआ था। अंग्रेजों से आज़ादी मिलने के बाद आज वो जगह पकिस्तान के पंजाब प्रान्त के फैसलाबाद जिले में स्तिथ हैं।

Bhagat Singh siblings

भगत सिंह के पांच भाइयों के अलावा तीन बहने भी थी।

भगत सिंह के भाइयों को नाम –

  • कुलतार सिंह
  • कुलबीर सिंह
  • राजिंदर सिंह
  • जगत सिंह
  • रणबीर सिंह

भगत सिंह की बहनों का नाम –

  • बीबी प्रकाश कौर
  • बीबी अमर कौर
  • बीबी शकुंतला कौर

Bhagat Singh’s death date

shaheed diwas

भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को 23 मार्च 1931 में अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा फांसी लगाईं गयी थी। उस वक्त भगत सिंह मात्र 23 साल के युवा थे। उन्होंने अपने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके पुण्य तिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

Bhagat Singh quotes in Hindi

भगत सिंह ने इतनी काम आयु में ही वो काम कर के दिखा दिए जिसे लोग सोच भी नहीं सकते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत से नारों के अलावा बहुत से अनमोल विचार भी लोगो के साथ साझा किये। उनके विचारों ने आम लोगों को बहुत प्रभावित किया।

वीर भगत सिंह के विचारों और कोट्स ने आम जन मानस में देश भक्ति की भावना को और भी बढ़ा दिया। Bhagat Singh के 12 महत्वपूर्ण quotes –

“अगर बहरों को सुनाना हो तो आवाज़ बहुत तेज़ होनी चाहिए।”

“श्रम ही समाज का वास्तविक निर्वाहक है।”

“सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।”

“मेरे जीवन का केवल एक ही लक्ष्य है और वो है देश की आज़ादी। इसके अलावा कोई और लक्ष्य मुझे लुभा नहीं सकता।”

“राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।”

“वे मुझे मार सकते है, लेकिन मेरे विचारों को नहीं। वे मेरे शरीर को कुचल सकते है, लेकिन मेरी आत्मा को नहीं।”

“मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की खुशबू निकलेगी।”

“जिन्दा रहने की हसरत मेरी भी है, पर मैं कैद रहकर अपना जीवन नहीं बिताना चाहता।”

“जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दुसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।”

“इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिख जाता है।”

“आलोचना और स्वतंत्र सोच एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण है।”

“प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।”

भगत सिंह के नारे (Bhagat Singh Slogan)

भगत सिंह के नारों ने आज़ादी की लड़ाई में एक नया जोश और तरंग भर दिया था। उनके नारों को सुन बूढ़े हो या युवा सभी के दिल में मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत बढ़ जाती थी। वीर भगत सिंह के नारों से आज भी लोग बहुत ज्यादा प्रेरित होते हैं।

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शहीद-ए-आजम भगत सिंह का एक नारा बहुत प्रसिद्द है। उनके इस नारें की गूंज उस समय पुरे देश में फ़ैल चुकी थी। भगत सिंह का वो मशहूर नारा है –

“इंकलाब जिंदाबाद” या “Long live the revolution”

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख के माध्यम से आप भगत सिंह की जीवनी से भली भाती परिचित हो गए होंगे। और जान गए होंगे की भगत सिंह को बचपन से ही क्रांतिकारियों का सानिध्य मिला। इसी वजह से उनके अंदर देश प्रेम और देश भक्ति की भावना किशोर अवस्था से पहले ही जाग गयी थी।

उन्होंने बचपन से ही अपने परिवार के लोगो को गलत और बेईमानी के खिलाफ लड़ते हुए देखा था। उनके जीवन में घटी न जाने कितनी ही ऐसी घटनाओं ने उन्हें एक मजबूत व्यक्तित्व का आदमी बना दिया।

भगत सिंह की वीरता और बहादुरी को लोग आज भी सलाम करते हैं और उनकी जीवन यात्रा को देखकर आज के बहुत से युवा प्रेरणा भी लेते हैं।

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