chhatrapati shivaji maharaj information

Chhatrapati Shivaji Maharaj Bio, birth, spouse, children: पूरी जानकारी

छत्रपति शिवाजी महाराज अपने समय के एक महान योद्धा थे। वो पश्चिमी भारत के मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। आज भी शिवाजी महाराज की गाथाएं लोकगीतों में गाई जाती हैं। इस लेख में हम शिवाजी महाराज के जीवन के बारे में बहुत कुछ जानेंगे। जैसे Chhatrapati Shivaji Maharaj के जन्म, पत्नियों, बच्चों, मृत्यु, लम्बाई और उनके घोड़ो के अलावा उनकी मृत्यु कैसे हुई ये भी जानेंगे।

Chhatrapati Shivaji Maharaj

shivaji maharaj

शिवाजी महाराज का जन्म आज के पुणे जिले में स्तिथ जुन्नर शहर के पास शिवनेरी के पहाड़ी किले में हुआ था। उनके जन्म के सटीक तारीख को लेकर अलग-अलग विद्वानों का अलग-अलग मत हैं। हालाँकि महाराष्ट्र की सरकार ने उनकी जयंती 19 फरवरी को घोषित कर रखी हैं।

उनके पिताजी का नाम शाहजी भोंसले था। शाहजी भोंसले एक मराठा सेनापति थे जो की दक्कन के सल्तनत की सेवा में थे। उनकी माताजी का नाम जीजाबाई था। शिवाजी का नाम शिवाई देवी के नाम से प्रेरित हो कर रखा गया था, उस स्थल और उस समुदाय के लोग शिवाई देवी की पूजा करते थे।

शिवाजी के जन्म के समय, दक्कन में तीन मुस्लिम सल्तनतों की साझा सत्ता चलती थी। उस समय दक्कन की शक्तियां गोलकुंडा, बीजापुर और अहमदनगर में बंटी हुई थी। शाहजी भोंसले ने दक्कन की इन तीनो शक्तियों की सेवा बारी-बारी से की थी। इसके अलावा शाहजी के पास अपनी एक छोटी सी सेना और पुणे में जागीर भी थी।

शिवाजी की माताजी सिंदखेड के नेता लखुजी जाधव राव की बेटी थी। उनकी माताजी बहुत ही धार्मिक औरत थी वे अपनी माताजी के बहुत करीब और दुलारे थे। शाहजी भोंसले ज्यादातर पुणे से बाहर ही रहते थे। इसलिए शिवाजी की शिक्षा और देख-रेख की ज़िम्मेदारी एक छोटे से मंत्रि परिषद को दी गई।

इस मंत्रि परिषद में एक पेशवा, एक मजूमदार, एक सबनीस, एक दबीर, और एक मुख्य शिक्षक शामिल थे। शिवाजी को युद्ध, सैन्य, और मार्शल आर्ट की शिक्षा देने के लिए कान्होजीं जेधे और बाजी पसलकार को चुना गया था। उनके मंत्रि परिषद के लोगो के नाम –

  • पेशवा – शामराव नीलकंठ
  • मजूमदार – बालकृष्ण पंत
  • सबनीस – रघुनाथ बल्लाल
  • दबीर – सोनोपंत
  • मुख्य शिक्षक – दादोजी कोंडदेव
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शिवाजी महाराज की ताजपोषी का एक भव्य समारोह रखा गया और उन्हें 6 जून 1674 में रायगढ़ के किले में हिन्दवी स्वराज का पहला राजा बनाया गया। कुछ लोगो का मानना है की मृत्यु के वक्त शिवाजी महाराज की उम्र लगभग 52 से 55 साल की रही होगी।

Shivaji Maharaj information

छत्रपति शिवाजी महाराज

Shivaji Maharaj Jayanti

शिवाजी महाराज का जन्म शिवनेरी किले में 19 फरवरी 1630 में हुआ था। Shivaji Maharaj’s birth date

Chhatrapati Shivaji Maharaj’s spouse

छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपना राजनितिक दायरा बढ़ाने और अन्य मराठा सरदारों और शासकों को एक जुट करने के लिए कई शादियां की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज की 8 पत्नियां थी।

उनकी पत्नियों ने उनके शासन काल में हमेशा उनका साथ दिया चाहे वो सैन्य अभियान हो या प्रबंधन हो या फिर महत्वपूर्ण निर्णय लेना हो या उन्हें भावनात्मक समर्थन और सहयोग देना हो। शिवाजी महाराज की 8 पत्नियों के नाम क्रम से नीचे दिए गए हैं।

Shivaji Maharaj’s wife’s name:-

  • सईबाई निंबालकर – पहली पत्नी
  • सोयराबाई मोहिते – दूसरी पत्नी
  • राणीसाहेब पुतलाबाई भोंसले (पुतलाबाई पालकर, पालकर घराणे से) – तीसरी पत्नी
  • सकवरबाई गायकवाड़ (कमलाबाई) – चौथी पत्नी
  • सगुणाबाई शिर्के (राजकुवरबाई ) – पाँचवी पत्नी
  • काशीबाई जाधव – छठी पत्नी
  • लक्ष्मीबाई विचारे – सातवी पत्नी
  • गुणवंताबाई इंगळे – आठवीं पत्नी

छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली पत्नी का नाम सईबाई निंबालकर था। उन दोनों का विवाह 14 मई 1640 लाल महल पुणे में हुआ था।

शिवाजी महाराज को सईबाई निंबालकर से चार बच्चे संभाजी भोंसले, अंबिकाबाई, सकुबाई निंबालकर और रानूबाई प्राप्त हुए थे।

Chhatrapati Shivaji Maharaj children

शिवाजी महाराज की पत्नियों में से सिर्फ चार पत्नियों से उनको बच्चे प्राप्त हुए। छत्रपति शिवाजी महाराज के आठ संताने थीं जिनमे से 6 पुत्रियां और 2 पुत्र थे।

Shivaji Maharaj की पुत्रियों के नाम:-

  • रानूबाई जाधव
  • अंबिकाबाई महादिक
  • सकुबाई निंबालकर
  • राजकुंवरबाई शिर्के
  • कमलाबाई पालकर
  • दीपाबाई

Shivaji Maharaj के पुत्रों के नाम:-

  • छत्रपति संभाजी राजे भोसले (बड़े बेटे)
  • छत्रपति राजाराम राजे भोसले (छोटे बेटे)

Shivaji Maharaj biography

शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को उनके रायगढ़ के किले में हुई थी। Shivaji Maharaj punyatithi date 3 अप्रैल हैं।

Shivaji Maharaj height

शिवाजी महाराज की लम्बाई लगभग 5 फीट 7 इंच रही होगी। हालाँकि उनकी लम्बाई को लेकर कोई भी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।

Shivaji Maharaj’s horse name

छत्रपति शिवाजी महाराज को घोड़े बहुत पसंद थे। उनके पास बहुत बढ़िया नस्ल के घोड़े भी थे। शिवाजी महाराज ने अपने पुरे जीवन काल में सात घोड़ों का इस्तेमाल किया। उनमे से कुछ घोड़े तो कुछ घोड़ियाँ थी।

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छत्रपति शिवाजी महाराज के घोड़े और घोड़ियों के नाम:-

  • मोती
  • विश्वास
  • गजरा
  • रणबीर
  • कृष्णा
  • तुरुंगी
  • इन्द्रायणी (या इन्द्रायण)

कुछ इतिहासकारों के अनुसार शिवाजी महाराज का आख़िरी घोडा कृष्णा था। वह सिर्फ देसी घोड़ो का ही नहीं बल्कि पश्चिमी लम्बे घोड़ो का भी इस्तेमाल परिस्तिथि के अनुसार किया करते थे।

Shivaji Maharaj Rajyabhishek date

Shivaji Maharaj Rajyabhishek date

छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक को राज्याभिषेक सोहला या शिवराज्याभिषेक सोहला भी कहते हैं। शिवाजी महाराज का 6 जून 1674 को रायगढ़ में राज्याभिषेक किया गया था।

वे इसी दिन मराठा साम्राज्य के राजा बने थे। इस दिन को छत्रपति शिवाजी महाराज के रायगढ़ के किले में शिवराज्याभिषेक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Shivaji Maharaj photo

Shivaji at raigad fort

Shivaji Maharaj quotes

छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से हम बहुत कुछ सिख सकते है। हम उनके विचारो से अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की और कुछ अच्छा करने की प्रेरणा ले सकते हैं। शिवाजी महाराज के द्वारा दिए गए कुछ महत्वपूर्ण कोट्स (quotes) नीचे दिए गए हैं।

अपना सर कभी मत झुकाओं, हमेशा ऊंचा रखो।

स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकार सभी को है।

जब आप जोश में होते हैं तो पहाड़ भी मिट्टी के ढेर जैसा दिखता है।

महिलाओं के सभी अधिकारों में से सबसे बड़ा अधिकार माँ बनना है।

भले ही सबके हाथों में तलवार हो, लेकिन इच्छाशक्ति ही सरकार स्थापित करती है।

यदि कोई वृक्ष, जो कोई अत्यधिक श्रेष्ठ जीव नहीं है, इतना सहनशील और दयालु हो सकता है कि किसी के मारने पर भी मीठे आम दे सकता हैं, तो क्या एक राजा होने के नाते मुझे पेड़ से अधिक दयालु और सहनशील नहीं होना चाहिए।

Shivaji Maharaj movie

छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के प्रसिद्द राजा थे। बहुत से लोग उनकी पूजा भी करते हैं। क्योंकि उन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी और अपने लोगों का हमेशा ध्यान रखा था। उनकी वीरता और साहस के सभी लोग दीवाने तब भी थे और आज भी हैं।

शिवाजी महाराज के जीवन और उनके द्वारा लड़ी गई लड़ाइयों के ऊपर बहुत सी किताबे लिखी गई है। इसके अलावा उनके ऊपर बहुत से टीवी शोज और फिल्में भी बनी हैं।

शिवाजी महाराज की आज के जमाने की कुछ चुनिंदा मूवीज के नाम हमने नीचे लिखे है, जिन्हे एक बार सबको जरूर देखना चाहिए।

Shivaji Maharaj movies:-

  • बाल शिवाजी (1981)
  • सरजा (1987)
  • राजमाता जिजाऊ (2011)
  • फरजंद (Farzand 2018)
  • तान्हाजी (Tanhaji 2020)
  • हर हर महादेव (2022)
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Shivaji Maharaj fort

Shivaji's fort

शिवाजी महाराज के द्वारा बहुत से किले जीते और बनवाये गए थे। उन्होंने सिंधुदुर्ग और प्रतापगढ़ जैसे किलों का निर्माण करवाया।

इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज के आदेश पर रायगढ़ के किले का निर्माण मुख्य अभियंता हिरोजी इंदुलकर और शिवाजी महाराज के निगरानी में हुआ था।

ये वही रायगढ़ का किला हैं जहाँ शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था। राज्याभिषेक के बाद उन्होंने रायगढ़ को मराठा साम्राज्य की राजधानी के तौर पर चुना था।

How did Shivaji Maharaj die?

छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ इतिहासकारों का कहना है की उनकी मृत्यु एक प्राकृतिक मृत्यु थी। लेकिन बहुत से इतिहासकारों का कहना है की उनको षड़यंत्र बना कर मारा गया था।

उनका कहना है की शिवाजी महाराज को किसी तरीके से जहर खिलाया गया था। इस वजह से उनकी हालत बिगड़ गई और वो समय के साथ और खराब होती गई।

उसके बाद उन्हें तेज बुखार चढ़ गया और उन्हें खून की पेचिश शुरू हो गई। शिवाजी महाराज की बुखार, पेचिश और तबियत बिगड़ने की वजह से मृत्यु हो गई।

निष्कर्ष (Conclusion)

शिवाजी महाराज ने अपने शासन काल के दौरान मुग़लों को बहुत नुक्सान पहुचाया था। शिवाजी महाराज और बीजापुर सल्तनत के बीच बहुत से विवाद हुए। शिवाजी महाराज के बार-बार जीतने की वजह से वो मुग़ल बादशाह के नज़रों में आ गए थे।

औरंगज़ेब ने शिवाजी को मुग़ल सल्तनत के लिया खतरा समझ कर उनको और दूसरे मराठाओं को हराने और बंदी बनाने के लिए अपनी तागंते लगा दी। लेकिन शिवाजी महाराज ने हर बार अपनी सूझ-बुझ से मुग़लों को हराया भी और उन्हें चकमा भी दिया।

बहुत लड़ाइयों के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने और जान-माल की हानि न हो इसलिए मुग़लों के साथ शान्ति समझौता कर लिया।

शिवाजी ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और एक नया साम्राज्य खड़ा किया। आज भी लोग उन्हें देख कर बहुत गौरव की अनुभूति करते हैं।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

भारतीय नौसेना का जनक किसको कहा जाता हैं?

भारतीय नौसेना का जनक छत्रपति शिवाजी महाराज को कहा जाता हैं। क्योंकि उन्होंने भारत में पहली बार जयगढ़, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग के अलावा और भी अन्य जगहों पर नौसैनिक किले बनाये थे।

क्या शिवाजी महाराज की सेना में मुस्लिम भी शामिल थे?

शिवाजी महाराज की सेना में हिन्दू और मुस्लिम दोनों शामिल थे। शिवाजी महाराज दोनों धर्मों में भेद भाव-नहीं करते थे।

क्या शिवाजी महाराज गुरिल्ला युद्ध करना जानते थे ?

शिवाजी महाराज गुरिल्ला युद्ध की कला में अच्छे से निपुण थे। वे अपने क्षेत्र के भूगोल को अच्छे से समझते थे। इसी वजह से वे गुरिल्ला युद्ध में हमेशा कामयाब हो जाते थे।


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