parliament attack 2023 and 2001

Parliament Attack: 2023 vs 2001, दोनों हमलो की पूरी जानकारी

भारतीय संसद सुरक्षित स्थानों में से एक है। भारतीय संसद की सुरक्षा में सैकड़ों सुरक्षाकर्मी हमेशा तत्पर रहते है। इसके बावजूद भी इस भवन पर दो बार हमला हो चूका है। इस लेख में आपको दोनों बार हुए Parliament Attack के बारे में पता चलेगा। इसके अलावा आप ये भी जानेंगे की ये हमले किसने करवाए।

Parliament Attack in 2023

Parliament Attack in 2023

इस साल संसद पर 2001 में हुए हमलों की 22 वीं वर्षगांठ थी। लेकिन इस वर्षगांठ पर 2001 की हमलों की याद ताजा हो गई। क्योंकि इस बार फिर से संसद पर कुछ ऐसा ही हुआ है।

13 दिसंबर 2023 को दो नौजवानों ने संसद के विजिटर गैलरी से सीधा हॉल में छलांग लगा दी और चारों तरफ पीला-पीला धुआँ फ़ैल गया और नारेबाजी भी हुई।

संसदीय सत्र के शून्यकाल के दौरान ये घुसपैठ हुई थी। दो लोग लोकसभा के अंदर घुसे और उन्होंने पिले रंग का धुआँ फैलाना शुरू कर दिया और उन्होंने तानाशाही के खिलाफ नारे लगाए और संविधान की रक्षा करने के लिए भी नारे लगाए।

इस घटना में चार लोगों को पकड़ा गया है दो लोगों को संसद के अंदर से और दो लोगों को संसद के बाहर से। जाने इस घटना से भाजपा सांसद प्रताप सिंह का कनेक्शन -> Pratap Simha BJP MP: जाने जीवनी, संसद हमलावरों के पास इन्होने बनवाये

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इस हमले को गुरपतवंत सिंह पन्नू से जोड़ा जा रहा है। क्योंकि उसने भी 13 दिसंबर को ही संसद पर हमला करने की धमकी दी थी। गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करने वाले नेताओं में से एक मुख्य नेता है।

Gurpatwant Singh Pannu photo

Parliament Attack in 2001

साल 2001 में भी भारतीय संसद पर हमला हुआ था। जिसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। उस हमले को भारतीय सुरक्षा कर्मियों ने अपने जान की परवाह न करते हुए विफल कर दिया।

Parliament Attack in 2001: security personnel outside the indian parliament

Millitants Entry

संसद पर हमला 13 दिसंबर 2001 को हुआ था। उस दिन पांच आतंकवादि भारतीय संसद में गृह मंत्रालय और संसद के लेबल का इस्तेमाल करके कार से अंदर आये थे।

उन्होंने अपनी गाड़ी पर आइडेंटिटी के तौर पर नकली स्टीकर लगा रखा था। जिसकी मदद से वे संसद की सुरक्षा को आसानी से पार करके संसद के अंदर आ गए।

उन आतंकवादियों के पास एके-47 राइफल, ग्रेनेड लांचर, पिस्तौल और ग्रेनेड जैस हथियार थे। उनको सबसे पहले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कांस्टेबल कमलेश कुमारी ने देखा और उन्हें देखते ही सुरक्षा अलार्म बजा दिया।

जिसकी वजह से वे उन आतंकवादियों के नज़रों में आ गई और उन्होंने कमलेश कुमारी पर गोली चला दी और कमलेश की वही पर मृत्यु हो गई।

Millitants Attack on Parliament

उस आतंकवादी घटना के लगभग 40 मिनट पहले ही राज्य सभा और लोक सभा को स्थगित कर दिया गया था। ऐसा माना जाता है की हमले के वक़्त बहुत से संसद के सदस्य और सरकारी अधिकारी जैसे की लालकृष्ण अडवाणी और हरिन पाठक संसद के अंदर ही थे।

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उस समय 100 से भी ज्यादा लोग संसद में मौजूद थे, जिसमे कुछ बड़े पॉलिटिशियन शामिल थे। उन आतंकवादियों ने अपनी कार को भारतीय उप-राष्ट्रपति कृष्ण कांत की गाड़ी में टक्कर मार के रोक दी। हालाँकि कृष्ण कांत उस समय संसद के अंदर थे।

वे सभी बंदूकधारि आतंकवादी अपनी कार से बाहर निकले और उन्होंने अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दिया। उप-राष्ट्रपति के गार्ड्स और सुरक्षाकर्मियों ने उन हमलावरों पर जवाब में गोलियां चलानी शुरू की और परिसर के दरवाज़ों को बंद करना शुरू कर दिया।

उस मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए और एक अन्य आतंकवादी को गोली लगते ही उसका आत्मघाती जैकेट फट गया। उन आतंकवादियों ने 9 लोगो को मार दिया और 18 लोग घायल हो गए। उस हमले में 6 दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मी और दो संसद के सुरक्षाकर्मी के अलावा एक माली भी था।

Parliament Attack in 2001 died people

दिल्ली पुलिस ने बताया की मारे गए पांचों आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे। इसके अलावा दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया की उन आतंकवादियों को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय संसद वह स्थान है जहाँ देश के लिय बड़े-बड़े फैसले लिए जाते है और इसे देश के सुरक्षित स्थानों में से एक माना जाता है। फिर भी संसद पर अब तक दो बार हमला हो चूका है। और ये दोनों हमले 13 दिसंबर को ही हुए है।

हालाँकि इस बार जो घटना हुई है, उसमें किसी की जान नहीं गई है। लेकिन दिसंबर 2001 में हुए हमलों में हमारे देश के 9 लोगों ने भारतीय संसद के लिए अपने जीवन की कुर्बानी दे दी। आपका इन हमलों को लेकर क्या कहना है, हमें कमेंट करके जरूर बताए।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

भारतीय संसद पर हमला कब हुआ था?

भारतीय संसद पर दो बार हमला हो चूका है। और दोनों बार 13 दिसंबर को ही हुआ है। भारतीय संसद पर पहली बार हमला 13 दिसंबर 2001 को और दूसरी बार 13 दिसंबर 2023 को हुआ था।

भारतीय संसद पर हुए हमलों में कितने लोग मारे गए थे?

2001 में भारतीय संसद पर हुए हमलों में 9 लोग मारे गए थे। जिसमे 6 दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मी और दो संसद के सुरक्षाकर्मी के अलावा एक माली भी शामिल थे। हालाँकि 2023 में हुए हमले में किसी की जान नहीं गई है।

2001 में भारतीय संसद पर हमला किसने करवाया था?

दिल्ली पुलिस के अनुसार 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमले में मारे गए पांचों आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे। और उन्हें इस हमले के लिए पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी का निर्देशन मिल रहा था।


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