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Kangra Fort History: महाभारत काल से खड़ा है ये रहस्यमयी किला

भारत वर्ष के अंदर आपने बहुत सारे प्रसिद्ध और प्रमुख किलो के बारे पड़ा होगा। वैसे तो हमारा ये देश ऐतिहासिक जगहों से भरा हुआ है। यहाँ हर एक किले से या किसी भी प्रमुख जगह से कोई न कोई कहानी जुडी हुई है। उसी प्रकार आज हम Kangra Fort History के बारे में आपको बतायेगे। इस काँगड़ा किले से भी कई सारे रोचक तथ्य जुड़े हुए है, जिसकी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।

Kangra Fort History | कांगड़ा किले का इतिहास

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काँगड़ा किला हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध किला है। इस किले का निर्माण काँगड़ा जिले के एक शाही राजपूत परिवार द्वारा करवाया गया और यह राजपूत परिवार कटोच वंश का था। काँगड़ा से धर्मशाला की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है।

कहा जाता है कि महाभारत काल में भी यह किला यही मौजूद था और महाभारत में इस किले का वर्णन किया गया है। इसकी विपरीत ही कई लोगो का कहना है की यह किला महाभारत युद्ध के बाद कटोच वंश के वंशज सुशर्मा चंद्र ने बनवाया था।

यह किला चोरी, डकैती, तथा लूट-मार से बहुत अधिक ग्रस्त था। कहा जाता है कि इस किले में शुरुआती दौर से ही राजाओ के पास बहुत अधिक स्वर्ण, आभूषण तथा अन्य तरह का खजाना था। इसीलिए यहाँ आये दिन लूट-मार होती रहती थी।

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इस किले को अकबर ने भी लूटना चाहा परन्तु वह इस लूट में सफल नहीं हो पाया, उसने इस किले पर बार-बार आक्रमण किए परन्तु वह हर बार किले को लूटने में असफल रहा। परन्तु उसके बाद उसके पुत्र जहांगीर ने काँगड़ा पर आक्रमण कर उसे लूट लिया।

काँगड़ा के किले का दूसरा नाम नगरकोट है तथा इसे त्रिगर्त भी कहा जाता है। इस किले के आँगन मे एक मंदिर बना हुआ है, जिसमे भगवान शिव, विष्णु तथा अम्बिका देवी की मूर्तियां बनी हुई है।

काँगड़ा किले के आँगन तक जाने के लिए दो दरवाजो से गुजरती हुई छोटी और संकरी गलियों का उपयोग किया जाता है। यह किला बहुत अधिक रहस्यमयी माना जाता है। यहा के राजा ने 32 जनजातियों के लिए 32 अलग-अलग कुओं का निर्माण करवाया था।

इस किले पर जब मुग़ल शासक जहांगीर का अधिपत्य था। उस वक़्त जहांगीर ने यहाँ एक दरवाजा बनवाया था, जिसे आज हम जहांगीर दरवाजा भी कहते है। इसके साथ ही जहांगीर ने यहाँ एक मस्जिद का निर्माण भी करवाया था।

काँगड़ा किले में आज भी यह जहांगीरी दरवाजा और यह मस्जिद देखने को मिलता है। इस किले को दखने के लिए दूर-दूर से देशी-विदेशी सभी तरह के पर्यटक घूमने के लिए आते है तथा यहाँ आके इस किले की सभ्यता और संस्कृति को निहारते है।

भूकंप से हुआ किले को नुक्सान

ruined fort of kangra

कई युद्धों के बाद यहाँ पर ब्रिटिश अंग्रेजो ने अपना अधिपत्य स्थापित किया और कई वर्षो तक यहां राज्य किया। उसके बाद 4 अप्रैल 1905 में यहाँ बहुत भारी भूकंप आया और अंग्रेज यह किला छोड़ कर भाग गए।

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इस भयंकर भूकंप से किले को भारी नुक्सान पहुंचा। इस किले की सारी मुर्तियां टूट गयी और किला बुरी तरह से तहस-नहस हो गया। उसके बाद इस किले को कटोच वंश के राजा को सौंप दिया था। जिसके बाद इस किले की अच्छे से मरम्मत करवाई गई।

समय-समय पर यहाँ अनेको मुगलों ने यहाँ अपना-अपना अधिपत्य स्थापित किया। अंत में इस किले पर 1556 में अकबर के शासन के दौरान उसने यह किला जीतकर धर्म चंद को सौंप दिया। उसके बाद कई लोगो ने इस किले पर शासन किया।

इस किले को 1846 में सिक्खो ने भी अपने आधीन रखा। और उसके बाद 1905 में अंग्रेज इस किले को छोड़ कर चले गए थे। भूकंप के दौरान यहाँ के लगभग 20,000 लोग मारे गए थे। इस भूकंप ने काँगड़ा जिले की नीवं को हिला कर रख दिया था।

kangra fort main darbar after the earthquake

काँगड़ा किले के कुएं में खजाने का रहस्य

इतिहासकारों का मानना है कि पहले इस किले में 21 कुएं थे जो खजानों से भरे हुए थे। जिसमें से युद्ध के दौरान गजनी के सुल्तान ने इस किले के 8 कुएं लूट लिए थे। इसके बाद 1890 के दशक में खजाने से भरे 5 और कुएं मिले।

इन कुओं की गहराई लगभग 4 मीटर है और इनकी परिधि भी लगभग 2 मीटर है। कहा जाता है कि इस किले में आज भी बाकी 8 कुएं छुपे हुए हैं। लेकिन आज तक कोई नहीं जान पाया कि वो कुएं कहां हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

हिमाचल में स्थित काँगड़ा किला बहुत अधिक पुराना और भव्य है। यह किला महाभारत काल के समय से ही यहाँ स्थित है। आज भी इसकी खूबसूरती देखने लायक ही बनती है। इसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग यहाँ आते है।

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इस किले पर आये दिन कोई न कोई आक्रमण होते रहे थे। पहले राजपूतो का शासन रहा उसके बाद मुग़लों ने अपना प्रभुत्व स्थापित किया। परन्तु उसके बाद यह किला पुनः राजपूतो के आधीन हो गया था।

इस किले पर ब्रिटिश कांग्रेस ने भी शासन किया, परन्तु 1905 के उस भयंकर भूकंप ने किले की नीवं को हिला कर रख दिया तभी अंग्रेज इस किले को खाली करके चले गए। उसके बाद 1846 में यह किला सिक्खो के आधीन हो गया।

इस लेख में आपने काँगड़ा किले के इतिहास के बारे में जाना। हम आशा करते है की इस किले का इतिहास आपको अच्छा लगा होगा। आपको ये लेख कैसा लगा, अपने विचार हमें कमेंट करके जरूर बताए। और इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

काँगड़ा फोर्ट जाने का समय क्या है ?

काँगड़ा फोर्ट जाने का समय सुबह 9 बजे से शाम 7:30 तक का है।

काँगड़ा फोर्ट की एंट्री फीस कितनी है ?

काँगड़ा फोर्ट की एंट्री फीस भारतीय नागरिको के लिए 150 रूपये है, और गैर-भारतीय नागरिको के लिए 300 रूपये है।

बस स्टेण्ड से काँगड़ा फोर्ट कैसे जाये ?

बस स्टैंड से काँगड़ा फोर्ट की दूरी लगभग 27 किलोमीटर है।


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