Harihar Fort History: 200 सीढियाँ पार करके है स्वर्ग


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harihar fort history in hindi

नासिक शहर के पास स्थित हरिहर किला अपनी खड़ी चढाई के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। हर साल हजारों सैलानी हरिहर किला घूमने के लिए जाते है। हरिहर किले का इतिहास बहुत ख़ास है, इसे व्यापार मार्ग को देखने के लिए बनाया गया था। कई आक्रमणकारियों ने इस किले पर हमला किया और इसे अपने कब्जे में लेने की कोशिश भी की। यहाँ घूमने जाने से पहले आपको Harihar Fort History के बारे में पता होना चाहिए। ताकि आप हरिहर किले का और भी अच्छा अनुभव ले सके। लोग हरिहर किले के बारे में जानना और इसके अंदर जाना चाहते है। तो आइये जानते है इस अद्भुत किले के इतिहास के बारे में।

Harihar Fort History

Harihar Fort History

हरिहर फोर्ट (हर्षगढ़) नासिक शहर के पास स्तिथ एक पहाड़ी किला है, जो की पत्थर, ईंटों और क्षार से बनी है। हरिहर फोर्ट पश्चिमी घाट के त्र्यंबकेश्वर (Trimbakeshwar) पर्वत श्रृंखला में स्तिथ है।

Harihar Fort का निर्माण 9वीं और 14वीं शताब्दी के बीच हुआ था। इस किले को सेउना (Seuna) या यादव राजवंशियों ने अपने शासन काल के दौरान करवाया था। इस किले के निर्माण का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य गोंडा घाट से गुजरने वाले व्यापार मार्ग की सुरक्षा करना और उस पर नजर रखना था।

हरिहर किले के बनने के कुछ समय बाद से ही इसपर आक्रमणकारियों ने हमला करना शुरू कर दिया था। ब्रिटिश सेना के कब्जे में आने से पहले Harihar Fort Nashik को कई आक्रमणकारियों ने समय-समय पर अपने कब्जे में लिया था।

हरिहर फोर्ट उन कई किलों में से एक था जो की अहमदनगर सल्तनत (या निज़ाम शाही सल्तनत के) के स्वामित्व के अंदर था। साल 1636 में, शाहजी भोसले ने हरिहर किले के साथ-साथ त्र्यंबक, त्रिंगलवाड़ी और पुणे के कुछ अन्य किलों को मुगल जनरल खान ज़मान को दे दिया था।

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Harihar Fort उन 17 किलों में से एक था, जिसे साल 1818 में ब्रिटिश सेना के कैप्टन ब्रिग्स (Captain Briggs) ने अपने कब्जे में लिया था। वर्तमान समय में लोग इस किले को एक ट्रैकिंग साइट की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

Harihar Fort Inside View

जब आप सीढ़ियों के पहले चरण को पार कर लेंगे तो आप एक प्रवेश द्वार पर पहुंचेंगे जिसे दरवाज़ा भी कहा जाता है। दरवाज़े के बाद बहुत ही संकरा रास्ता है। इस रास्ते को पार करते वक़्त आपको बहुत ज्यादा ध्यान रखना होगा।

इसके बाद आपको किले के शीर्ष तक पहुँचने के लिए फिर से 100 खड़ी सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ेगी। किले के बीच में आपको एक ऊँचा उठा हुआ पतला पठार मिलेगा। उस पठार पर भगवान शिव और भगवान हनुमान का एक छोटा सा मंदिर है।

lord hanuman and lord shiv at harihar fort

इस मंदिर के सामने आपको एक पिने योग्य पानी का छोटा तालाब मिलेगा। इसके अलावा आप इस किले के अंदर दो कमरों वाला एक छोटा सा महल भी देख सकते है।

उस महल के एक तरफ पांच कुंड स्तिथ हैं, उन पांच कुंडों में से एक में पीने के लिए उपयुक्त पानी है। किले के शीर्ष यानी सबसे ऊँचे स्थान पर एक भगवा ध्वज फहराया गया है।

Harihar Fort Accident

सितम्बर 2022 में हरिहर किला घूमने के लिए आए मालेगाव के चार पर्यटक अपना रास्ते से भटक गए। एक सुबह चार पर्यटक मालेगाव से हरिहर किला घूमने के लिए आए थे। पूरा दिन किले पर बिताने के बाद शाम को उन्होंने किले से नीचे की ओर उतरना शुरू किया।

वे लोग जब सीढ़ियों से उतर कर नीचे आए तो वे जंगल में अपना रास्ता भूल गए। फिर उन्होंने अपने माता-पिता से संपर्क किया, जिसके बाद उनके माता-पिता ने जिला प्रशासन से मदद मांगी।

लगभग रात हो चुकी थी और जंगल की उसी अँधेरी रात में उनको ढूढ़ने का अभ्यान चलाया गया। उन्हें ढूढ़ने के बाद जंगल से गांव में लाया गया।

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Harihar Fort Trek

ट्रैकिंग करने वाले लोगों को हरिहर फोर्ट का ट्रेक बहुत रोमांचित लगता है। क्योंकि इस किले तक पहुंचने के लिए चट्टानों को काटकर सीढ़ियां बनाई गई है। हरिहर किले के ट्रेक की शुरुआत दो गांवों हर्षेवाड़ी और निर्गुडपाड़ा (या कोटामवाड़ी) से हो जाती है।

इस किले के बनावट की ख़ास बात ये भी है की गांव से इसकी ओर देखने पर ये किला आकर में चौकर दिखाई देता है। जबकि वास्तव में किला एक त्रिकोणीय प्रिज्म आकार की चट्टान पर बनाया गया है।

हरिहर फोर्ट की सीधी चढ़ाई लोगों के आकर्षण का केंद्र है। इस किले को घूमने के लिए लोग देश-विदेश से यहाँ ओर आते है। नीचे से ऊपर तक कुल मिलाकर लगभग 200 सीढ़ियाँ हैं। और ये सीढ़ियाँ 80 डिग्री पर झुकी हुई हैं।

सीढ़ियों से ऊपर जाने के बाद नीचे घाटी का बहुत शानदार नजारा दिखाई देता है। साथ ही इतनी ज्यादा ऊंचाई से ये दृश्य डरावना भी लगता है।

जब आप सारी सीढ़ियाँ चढ़ जाएंगे तो आपको शीर्ष पर स्थित हनुमान मंदिर तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ते रहना होगा। इस किले की चढ़ाई को मध्यम स्तर का कहा जा सकता है और आपको नीचे से किले के शीर्ष तक पहुंचने में लगभग दो घंटे लगेंगे।

Harihar Fort Reviews

हरिहर फोर्ट को घूम कर आने वाले लोग इस फोर्ट और इसके ट्रेक की सुंदरता और बनावट की खूब तारीफ करते है। ऐसे ही कुछ लोगों के हरिहर फोर्ट के पर्यटन अनुभवों को हमने आपके लिए नीचे लिखा है:

#1. विनोद ने अपने इस किले के पर्यटन के बारे में कहा की,”ये उनका सबसे अच्छा ट्रैकिंग अनुभव था और इस किले को दूसरे लोगों को भी घूमने जाना चाहिए”।

#2. अभिषेक बांद्रे ने लिखा की,”ये आसान ट्रेक है लेकिन सावधान रहें। कुछ स्मारक और एक छिपी हुई जगह है जो हरिहर किले के पुराने मार्ग की तरह लगती है। लेकिन वहां जाना जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए अपने जोखिम पर जाएं”।

#3. सौम्यजीत साह ने हरिहर किले के बारे में लिखा है की,” ये भले ही बाधाओं से घिरा हो लेकिन यहाँ जाना किसी रत्न को पाने जैसा है। इस ऐतिहासिक किले को जरूर देखना चाहिए”।

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निष्कर्ष (Conclusion)

हरिहर किला का रास्ता रोमांच से भरा है। कई लोग इसे देखने और घूमने के लिए जाते है। और अपने जीवन में एक नया अनुभव जोड़ते है। अलग-अलग मौसम में यहाँ का नजारा भी अलग-अलग दिखाई देता है।

कई लोग हरिहर किले को मानसून के मौसम में घूमने के लिए जाते है। क्योंकि इस मौसम में किले के ऊपर से, नीचे घाटी का जो दृश्य दिखाई देता है वह किसी और मौसम में नहीं देता है।

किले की चढ़ाई लगभग खड़ी और लम्बी होने की वजह से ट्रैकिंग करने वाले लोगों का ये एक आकर्षण केंद्र है। इस लेख में आपने हरिहर किले के इतिहास, उससे जुडी दुर्घटना, किले के बारे में लोगों के रिव्युस और उसके ट्रेक के बारे में जाना।

यदि आपका इस लेख या हरिहर किले से सम्बंधित कोई भी सवाल या जिज्ञासा हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ या बता सकते है। और इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि अन्य लोग भी इस रोमांच से भरे किले और उसके ट्रेक के बारे में जान सकें।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

हरिहर किले का निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है?

हरिहर किले के निकटतम दो रेलवे स्टेशंस हैं सबसे पास का नासिक रेलवे स्टेशन जो की किले से लगभग 56 किमी की दुरी पर है। दूसरा कसारा रेलवे स्टेशन है जो की हरिहर किले से लगभग 60 किमी की दुरी पर है।

हरिहर किला घूमने और ट्रैकिंग करने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?

हरिहर किला घूमने के लिए अक्टूबर से फरवरी का समय अच्छा है। यदि आप मानसून में घूमने या ट्रैकिंग करने के लिए जाना चाहते है तो जून से अगस्त का समय आपके लिए अच्छा रहेगा।

नासिक से हरिहर किले की दूरी कितनी है?

नासिक से हरिहर किले की दूरी 45 किलोमीटर के आसपास है।

हरिहर किला किसने बनवाया था?

हरिहर किला 9वीं और 14वीं शताब्दी के बीच यादव (सेउना) राजवंश द्वारा बनाया गया था।

हरिहर किले का निकटतम हवाई अड्डा (एयरपोर्ट) कौन सा है?

हरिहर किले के निकटतम मुंबई में स्तिथ छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जो की हरिहर किले से लगभग 175 किलोमीटर की दुरी पर है।

हरिहर फोर्ट की हाइट कितनी है?

हरिहर फोर्ट की हाइट लगभग 1.12 किलोमीटर (यानि 3676 फीट) हैं।


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