Swarved Mahamandir: पूरी जानकारी, जाने वास्तुकला और सभी विशेषताएं


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स्वर्वेद महामंदिर धाम वाराणसी शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर चौबेपुर इलाके के उमराहा में बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही भव्य और सुन्दर है। इस मंदिर को कमल के पुष्प के समान आकृति में बनाया गया है। 18 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी और सभी धर्म गुरुओ के साथ मिलकर इस महामंदिर का उद्घाटन किया था। आज आप इस लेख में Swarved Mahamandir Dham के बारे में जानेगे। इसके साथ ही आप इस लेख में जानेगे की इस मंदिर को बनने में कितना समय और खर्चा लगा।

Swarved Mahamandir Dham

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स्वर्वेद महामंदिर वाराणसी शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है। स्वर्वेद महामंदिर को बड़े ही भव्य रूप से तैयार किया गया है। स्वर्वेद महामंदिर धाम को बनने में लगभग 19 साल का समय लगा है। इस मंदिर को विहंगम योग संस्थान के प्रणेता () सद्गुरु संत सदाफल महाराज जी ने बनवाया है।

स्वर्वेद महामंदिर के नाम में स्वः का अर्थ- आत्मा और परमात्मा और वेद का अर्थ है- ज्ञान। यथार्थ इस मंदिर को भगवान् की पूजा के लिए नहीं बल्कि आत्मा और परमात्मा के ज्ञान की प्राप्ति के लिए और ध्यान केंद्र करने के लिए इसका निर्माण किया गया है।

स्वर्वेद महाराज जी के देश में कई जगहों पर आश्रम बने हुए है। उन्होंने इस महामंदिर का निर्माण भी मैडिटेशन सेंटर (ध्यान केंद्र स्थल) के रूप में करवाया हैं। इस मंदिर में लगभग 20 हजार से भी ज्यादा लोग बैठकर ध्यान केंद्रित कर सकते है। इस मंदिर में एक भी कमरा नहीं बनवाया गया है।

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स्वर्वेद महामंदिर वाराणसी का अब तक का सबसे बड़ा मंदिर है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मैडिटेशन सेंटर कहा गया है। उद्घाटन के पहले दिन ही इस मंदिर के लगभग तीन लाख लोगो ने दर्शन किये थे। इस मंदिर में किसी भी भगवान् की मूर्ति की स्थापना नहीं की गयी है।

संत सदाफल महाराज जी ने कहा है कि इस मंदिर में किसी भगवान् की नहीं बल्कि योग साधना की पूजा होगी। यह मंदिर ऋषियों की साधना के लिए बनवाया गया है। स्वर्वेद महामंदिर धाम 7 मंजिलों का है। इसमें भक्तो के आने जाने की सुविधा के लिए 4 लिफ्ट भी लगाई गयी है।

Swarved Mahamandir Architecture

इस मंदिर का निर्माण 2004 में शुरू हुआ था। इस महामंदिर धाम की ऊंचाई लगभग 182 फ़ीट है। इस मंदिर का कुल क्षेत्र ढाई लाख वर्ग फ़ीट का है। यह महामंदिर 80 हजार वर्ग फ़ीट में तैयार किया गया है। जिसमें की इस मंदिर की 7 मंजिल ईमारत लगभग 68 हजार स्कवेर फ़ीट में बनी हुई है।

इस स्वर्वेद महामंदिर धाम को 125 पंखुड़ियों वाले कमल के विशालकाय फूल के समान आकृति दी गयी है। परन्तु इस महामंदिर धाम में किसी भी प्रकार के कोई देवी-देवता का स्थान नहीं है। इस मंदिर में कोई भगवान् की मूर्ति स्थापित नहीं की गयी गई है।

इस मंदिर के पहले तल में 4000 स्वर्वेदो के दोहो को दीवारों पर लिखा गया गया है। और दूसरे से छठे तल की अंदरी दीवारों पर निषद, उप-निषद, महाभारत, गीता, रामायण तथा चारो वेदो का विस्तार सहित वर्णन किया गया है। इसके अलावा इस धाम की बाहरी दीवारों पर रामायण, महाभारत, गीता और वेदो के चित्र अंकित किये गए है।

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कहा जा सकता है कि पहले तल से लेकर छठे तल तक की दीवारों पर वेद और धर्मग्रन्थ के दोहे की शानदार कलाकृति बनाई गयी है। और सातवे तल पर दो आध्यात्मिक प्रेक्षागृह (Auditorium) भी बनाये गए है। जहाँ विहंगम योग के साधको को सैद्धांतिक और किर्यात्मक ज्ञान का बोध हो सके।

बाहरी हिस्से में 3 लाख वर्ग फ़ीट में गुलाबी बलुआ पत्थर से हाथी, हिरन की अलग-अलग प्रकार की मुर्तिया बनाई गयी है। और 3 लाख वर्ग फ़ीट में सफ़ेद संगमरमर से 132 ऋषि-मुनियो और ऋषिकाओ की मुर्तिया चिन्हित की गयी है। इसके अलावा इसमें अभी 135 फ़ीट ऊँची सद्गुरु की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

इस महामंदिर धाम के आँगन में एक बड़ा सा उद्यान बनाया गया है। उसमे विभिन्न प्रकार की सजावट की गयी है। इस मंदिर के निर्माण के समय 2021 में यहाँ पर 21 कुंडीय स्वर्वेद उत्तरार्ध ज्ञान का महायज्ञ हुआ था। जिसे इतिहास का सबसे विशालतम यज्ञ कहा गया है।

इसे छह सौ कारीगर, दो सौ मजदूर और 15 इंजीनियरो ने मिलकर 19 वर्षो में स्वर्वेद महामंदिर धाम को इतना भव्य आकार दिया है। इसको बनवाने में लगभग 100 करोड़ की लागत लगी है। इस महामंदिर धाम का निकासी द्वार मन को मोहित कर देने वाला है।

और इसके अलावा इस महामंदिर के पास ही भक्तो के ठहरने के लिए लगभग 4 स्कवेर फ़ीट में पंडाल बनवाये गए है। और भंडारे के लिए 7 बड़े भोजनालय और अलग से 6 कैंटीन की व्यवस्था भी की गयी है। इस महामंदिर को बहुत ही अद्भुत रूप से बनाया गया है।

Swarved Mahamandir Contact Details

  • स्वर्वेद महामंदिर संस्था से संपर्क करने के लिए ईमेल करें pradhan.karyalay@gmail.com पर।
  • स्वर्वेद महामंदिर संस्था की वेबसाइट– https://www.swarved-mahamandir.org
  • स्वर्वेद महामंदिर का पता– उमराहा, मुदली, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, पिन कोड- 221112
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निष्कर्ष (Conclusion)

स्वर्वेद महामंदिर का निर्माण 2004 में शुरू हुआ और इसे बनने में 19 साल का समय लगा यह मंदिर वाराणसी शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में किसी भगवान की मूर्ति नहीं है।

यह मंदिर योग साधना के लिए बनवाया गया है। इस महामंदिर के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी आए थे।

इस मंदिर की निकासी द्वार की आकृतिया मन को मोह लेने वाली है। इसे संत सदाफल महाराज जी ने बनवाया है। इस धाम को दुनिया का सबसे बड़ा मैडिटेशन सेंटर कहा गया है।

इसमें एक साथ 20000 से भी ज्यादा लोग बैठकर ध्यान कर सकते है।आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताये। और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करे।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

स्वर्वेद महामंदिर किसने बनवाया है?

स्वर्वेद महामंदिर को विहंगम योग संस्थान के संस्थापक सद्गुरु संत सदाफलदेवजी महाराज ने बनवाया है। इसे बनने में लगभग 19 साल लग गए थे।

स्वर्वेद महामंदिर कब खुलता है?

स्वर्वेद महामंदिर सुबह 7 बजे से शाम के 7 बजे तक खुला रहता है।

स्वर्वेद महामंदिर कैसे जाए?

स्वर्वेद महामंदिर पहुंचना बहुत आसान है। ये महामंदिर वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग 16 किलोमीटर की दुरी पर है। आप वाराणसी जंक्शन से पब्लिक ट्रांसपोर्ट से वहां जा सकते है।

स्वर्वेद महामंदिर कहाँ है?

स्वर्वेद महामंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर के मुदली गांव के पास है।


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