Meena Kumari: जाने इनकी जीवनी, पति, लव लाइफ, करियर, मृत्यु


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मीना कुमारी ने चार साल की उम्र में ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। वह अभिनय में बहुत अच्छी थीं। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई सफल फिल्मों में काम किया। इस लेख के माध्यम से आप बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन कही जाने वाली मीना कुमारी की जीवनी और मृत्यु के बारे में जानेंगे, इसके अलावा आप इस लेख के माध्यम से उनके पति अमरोही के बारे में भी जानेंगे।

मीना कुमारी जीवनी

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मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1933 को बॉम्बे (वर्तमान मुंबई), ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनका नाम महजबीन बानो था । उनके पिता मास्टर अली बक्स नामक एक सुन्नी मुसलमान थे।

मीना कुमारी की माँ इक़बाल बेगम का असली नाम प्रभावती देवी था, वह ईसाई थीं। शादी के बाद उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था। हालाँकि इक़बाल बेगम अली बक्स की दूसरी पत्नी थीं।

कहा जाता है कि जब मीना कुमारी का जन्म हुआ तो उनके पिता अली बक्श खुश नहीं थे। क्योंकि वे एक बेटा चाहते थे। मीना की दो बहनें भी थीं, उनकी बड़ी बहन का नाम खुर्शीद और छोटी बहन का नाम महलिका (जिसे मधु के नाम से भी जाना जाता है) था।

मीना के जन्म पर उसके पिता अली बक्श भी निराश हो गए थे क्योंकि अब उनकी तीन बेटियाँ थीं और कोई बेटा नहीं था। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।

मीना कुमारी की शिक्षा और करियर

मीना को बचपन में स्कूल जाना बहुत पसंद था और किसी भी अन्य बच्चे की तरह। लेकिन खराब आर्थिक स्थिति के कारण उनके माता-पिता उन्हें काम के लिए फिल्म स्टूडियो में ले जाने लगे।

निर्देशक विजय भट्ट ने उन्हें फिल्म लेदरफेस में काम करने के लिए चुना और मेहजबीन बानो उर्फ ​​मीना कुमारी को काम के पहले दिन 25 रुपये का भुगतान किया गया।

इस फिल्म में काम करने के बाद वह छोटी सी उम्र में ही अली बक्स के परिवार में कमाने वाली लड़की बन गईं। उन्होंने महज चार साल की उम्र में ही अपने परिवार की आर्थिक मदद करना शुरू कर दिया था।

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उनकी लेदरफेस फिल्म 1939 में रिलीज हुई थी। अपने काम की वजह से वह कभी भी अपनी स्कूली पढ़ाई ठीक से पूरी नहीं कर पाईं। हालांकि, उन्होंने खुद पढ़कर कई चीजें सीखीं। उन्हें कविता का शौक था और उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था।

मेहजबीन बानो ने शुरुआत में ज़्यादातर विजय भट्ट के लिए काम किया। जब फिल्म ‘एक ही भूल’ की शूटिंग चल रही थी, तब विजय भट्ट ने मेहजबीन का नाम ‘ बेबी मीना ’ रख दिया।

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उन्हें 1946 की फ़िल्म “चाइल्ड्स प्ले” में कास्ट किया गया था। उस फ़िल्म में उनका नाम मीना कुमारी था। उन्हें 1952 में विजय भट्ट द्वारा निर्देशित फ़िल्म बैजू बावरा से प्रसिद्धि मिली।

इस फिल्म में उन्होंने मुख्य अभिनेत्री की भूमिका निभाई है। इस फिल्म को करने के बाद उनके करियर ने उड़ान भरी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में की जो काफी सफल रहीं।

मीना कुमारी की किस्मत फिल्मों और करियर को लेकर जितनी अच्छी थी, असल जिंदगी में वैसी नहीं थी। उनकी असल जिंदगी तूफानों से भरी थी। उन्होंने अपनी जिंदगी में इतने दुख देखे कि लोग उन्हें ट्रेजडी क्वीन कहने लगे।

मीना कुमारी की लव लाइफ

मीना कुमारी ने भले ही प्रेम विवाह किया था, लेकिन उनका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहा। कमाल अमरोही के साथ उनकी शादी भी कुछ समय तक गुप्त रही, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते थे।

दोनों की मुलाकात फिल्मी दुनिया में काम करने के दौरान हुई थी। कहा जाता है कि दोनों की पहली मुलाकात 1938 में हुई थी, जब कमाल अमरोही फिल्म जेलर के लिए एक बाल कलाकार की तलाश कर रहे थे।

फिर कुछ सालों बाद अशोक कुमार ने फिल्म तमाशा के सेट पर अमरोही को मीना से मिलवाया। फिर इसके बाद वे एक-दूसरे से मिलते रहे और दोनों ने साथ में काम भी किया।

काम करते-करते दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए और एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे। दोनों ने लोगों से छिपकर शादी कर ली।

इस शादी को लोगों से छुपाया गया, हालांकि कमाल अमरोही पहले से शादीशुदा थे और उनकी पहली पत्नी से उनके तीन बच्चे भी थे। कुछ महीनों बाद निकाह की बात लोगों के सामने आ गई।

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इसके बाद मीना कुमारी अपने पति कमाल अमरोही के घर सायन में रहने लगीं और उनके पति ने कुछ शर्तों के साथ उन्हें फिल्मी करियर जारी रखने की इजाजत दे दी।

कमाल के बेटे ताजदार (कमल की पहली पत्नी के बेटे) ने एक इंटरव्यू के दौरान कमाल द्वारा मीना के सामने रखी गई शर्तों का खुलासा किया। उनके अनुसार मीना को शाम 6 बजे से पहले घर लौटना होगा, किसी को-स्टार के साथ बाहर नहीं जा सकती, न ही कोई नई फिल्म साइन करेगी और न ही टाइट और छोटे कपड़े पहन सकती है।

दोनों के बीच कई बातों को लेकर झगड़े होने लगे। कमल को मीना का देर रात तक काम करना पसंद नहीं था। कमल की शर्तों और प्रतिबंधों के कारण उसे अपनी ज़िंदगी जेल जैसी लगने लगी।

मीना ने जब कमाल अमरोही से फिल्मों में काम करने की बात कही तो कमाल ने शर्त रखी कि पहले वह खुद फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ेंगे। दोनों के बीच झगड़े और दूरियां बढ़ती गईं और 1964 में तलाक के बाद दोनों अलग हो गए।

मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही के बारे में जानिए

मीना कुमारी के पति का नाम कमाल अमरोही था। मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने 14 फरवरी 1952 को गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी। इस शादी के बारे में सिर्फ कमाल अमरोही के दोस्त बाकर अली और मीना की छोटी बहन मधु को ही पता था।

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कमाल अमरोही का पूरा नाम “सैयद अमीर हैदर कमाल नक़वी” था। उनका जन्म 17 जनवरी 1918 को अमरोहा, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में उत्तर प्रदेश में स्थित) में हुआ था।

अमरोही उर्दू और हिंदी भाषाओं के फ़िल्म निर्देशक और निर्माता, पटकथा और संवाद लेखक होने के साथ-साथ कवि भी थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में चार बार शादी की।

उनकी पहली पत्नी का नाम बिलकिस बानो था। बिलकिस की मौत के बाद कमाल ने सईदा अल-ज़हरा महमूदी से शादी की। महमूदी के बाद उन्होंने मीना कुमारी से शादी की। अमरोही ने चौथी शादी अपनी डॉक्टर से की।

कमाल अमरोही की आखिरी फिल्म 1983 में आई रजिया सुल्तान थी। 11 फरवरी 1993 को 75 साल की उम्र में बॉम्बे (मुंबई) में उनका निधन हो गया। उन्हें रहमताबाद कब्रिस्तान में दफनाया गया।

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मीना कुमारी की मृत्यु

अमरोही से अलग होने के बाद मीना कुमारी अपनी बहन मधु के घर चली गईं और अमरोही के पास कभी वापस नहीं आईं। वह लंबे समय तक अनिद्रा से पीड़ित रहीं।

डॉक्टर की सलाह पर मीना ने सोने से पहले ब्रांडी का एक छोटा पैग लेना शुरू कर दिया था, लेकिन 1964 में अमरोही से अलग होने के कारण उन्होंने ब्रांडी की मात्रा बढ़ा दी।

साल 1968 में मीना कुमारी को अपने लिवर सिरोसिस के बारे में पता चला। जिसका इलाज उन्होंने लंदन और स्विटजरलैंड में करवाया। जब उन्हें थोड़ा बेहतर महसूस होने लगा तो वह भारत वापस आ गईं और अपना काम जारी रखा।

मीना कुमारी बचपन से ही अभिनय में डूबी हुई थीं। जिसके कारण उनके लिए फिल्मी दुनिया से दूर रहना नामुमकिन था। हालांकि, जब उनकी मौत करीब आई तो उन्होंने उसी फिल्मी दुनिया को कोसना शुरू कर दिया।

फिल्म पाकीजा की रिलीज के कुछ दिनों बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और कुछ दिनों बाद वह कोमा में चली गईं और आखिरकार 31 मार्च 1972 को 38 साल की उम्र में मीना कुमारी की मौत हो गई।

निष्कर्ष

इस लेख में आपने मीना कुमारी के बारे में पढ़ा। इस लेख को पढ़ने के बाद आपको पता चल गया होगा कि उनकी जिंदगी असल जिंदगी में वैसी नहीं थी जैसी फिल्मी दुनिया में दिखाई देती है।

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एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात से बहुत संतुष्टि मिलती है कि उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही अपने परिवार की आर्थिक मदद की।बता दें कि मीना कुमारी ने महज चार साल की उम्र में फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था।

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FAQs (मीना कुमारी के बारे में पूछे गए प्रश्न)

मीना कुमारी की मृत्यु कैसे हुई?

मीना कुमारी की मृत्यु लीवर सिरोसिस के कारण हुई।

मीना कुमारी को उनकी मृत्यु के बाद कहाँ दफनाया गया?

मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही की इच्छा के अनुसार मीना को बम्बई (मुंबई) के मझगांव के नारियलवाड़ी में स्थित रहमतबाद कब्रिस्तान में दफनाया गया।

मीना कुमारी का असली नाम क्या है?

मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बानो है।


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