Barog's tunnel in shimla

Barog Tunnel Haunted Story – जाने इस भूतिया सुरंग की कहानी

दोस्तों हिमाचल प्रदेश में बहुत से हिल स्टेशंस हैं और उन सब की अपनी एक कहानी है। ऐसा ही एक हिल स्टेशन है बड़ोग हिमाचल प्रदेश जिसकी कहानी बहुत कम लोग जानते है। इस ब्लॉग में हम Barog Tunnel Haunted Story के बारे में जानेंगे जिसकी असाधारण और रहस्यमय कथाएं लोगो के बिच प्रचलित है।

बड़ोग (Barog Himachal Pradesh)

बड़ोग एक शांत और सुंदर हिल स्टेशन हैं जो की हिमाचल प्रदेश के सोलान जिले के सोलान शहर के पास हैं। इसका नाम बड़ोग एक ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग के याद में रखा गया हैं।

ये औसत समुंद्र तल से लगभग 1560 मीटर्स की ऊंचाई पर स्तिथ हैं। समुंद्र तल से इतनी ऊंचाई होने के कारण इसका तापमान गर्मियों में 23 से 10 डिग्री सेंटीग्रेड और सर्दियों में 15 से 5 डिग्री सेंटीग्रेड रहता हैं। यहाँ की मुख्यतः अर्थव्यवस्था पर्यटन और खेती पर निर्भर हैं।

बड़ोग अपने सबसे लम्बे टनल के लिए प्रशिद्ध हैं जो की कालका-शिमला रेलवे (लगभग 96 किलोमीटर्स का ट्रैक) का हिस्सा हैं। तो चलिए जानते हैं रोमांच से भरे इस टनल के बारे में।

बड़ोग टनल (Barog Tunnel)

india's most haunted tunnel no 33 or barog's tunnel
Image: Times of India

टनल के तुरंत बाद बड़ोग रेलवे स्टेशन आता हैं और इसे 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से टनल को पार करने में लगभग 2.5 मिनट्स लगते हैं।

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इस टनल नंबर 33 का नाम बड़ोग टनल, ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग के दुःखद मृत्यु के बाद रखा गया।

बड़ोग टनल हिस्ट्री (Barog Tunnel History)

बड़ोग टनल या टनल नंबर 33 के निर्माण का काम कर्नल बड़ोग को दिया गया था। टनल को जल्दी पूरा करने के लिए उन्होंने पहाड़ी के दोनों तरफ से काम चालु करवा दिया और मजदूरों को अपने गढ़ना के हिसाब से आदेश देने लगे।

ब्रिटिश सरकार द्वारा इस टनल के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने का दबाव कर्नल बड़ोग पर था जिसकी वजह से वो ठीक से आराम भी नहीं कर पा रहे थे।

जिसके परिणाम स्वरुप उनके गढ़ना में कुछ गलती हो गई और पहाड़ी के दोनों तरफ के खोदे हुए हिस्से आपस में ना मिलकर अलग दिशा में चले गए।इस गड़बड़ी की वजह से सारे मजदुर भी निराश हो गए और कर्नल बड़ोग के निर्णयों के ऊपर शंका करने लगे।

इन सभी वजहों से वो बहुत परेशान और दुःखी हो गए इसके ऊपर ब्रिटिश सरकार ने, सरकार के संसाधनों को बर्बाद करने के आरोप में उनपे 1 रूपए का जुर्माना लगया और उन्हें उनके पद से भी हटा दिया। इस अपमान और दुःख को वो सह ना सके और एक दिन उन्होंने उसी अधुरे टनल में अपने आप को गोली मार ली।

कर्नल बड़ोग के बाद टनल बनाने का काम चीफ इंजीनियर H.S.Herlington को दिया गया। उनके सामने भी कई दिक्कते आई लेकिन बाबा भालकु के मार्गदर्शन से टनल का काम पूरा हुआ।

बड़ोग टनल हॉन्टेड स्टोरी (Barog Tunnel Haunted Story)

inside barog's tunnel
Image: thewildcone.com

कर्नल बड़ोग के मृत्यु के उपरान्त वहा कई अफवाह और किस्सों ने जन्म ले लिए। जैसे की कई लोगो का कहना था की उन्होंने बड़ोग की भटकती आत्मा टनल के पास देखि हैं।

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लोगो का मानना हैं की बड़ोग की मृत्यु के बाद उनकी आत्मा अभी भी वही पर हैं। लेकिन बहुत से लोगो का ये भी मानना हैं की बड़ोग का भुत अच्छा हैं और लोगो से बाते भी करता हैं।

टनल की गीली दीवारों और अंधेरे के बीच वहाँ से गुजरने वालो ने रहस्यमय फुसफुसाने की आवाज भी सुनी हैं जो की कुछ लोगो को रोमांच से तो कुछ को डर से भर देती हैं।

सरकार ने उस अधुरे टनल को बहुत बार सील करने की कोशिश की हैं लेकिन पता नहीं कैसे बार-बार सील टूट जाती हैं। इसके इलावा वहा जाने वाले बहुत से पर्यटकों ने भी माना हैं की उस टनल में जाने के बाद कुछ तो अजीब से चीजें होती और दिखाई देती हैं।

कर्नल बड़ोग (Colonel Barog)

कर्नल बड़ोग एक काबिल ब्रिटिश इंजीनियर थे जिनको कालका-शिमला रेलवे पर टनल बनाने का काम शोपां गया था। बड़ोग 20वी शताब्दी के शुरुआत में यहाँ आये थे जब कालका-शिमला नैरो गेज रेलवे का काम शुरू हुआ था।

कर्नल बड़ोग डेथ (Colonel Barog’s Death)

कर्नल बड़ोग बेशक एक काबिल इंजीनियर थे लेकिन ब्रिटिश सरकार के द्वारा टनल को जल्दी पूरा करने के दबाव में उनसे गढ़ना में गड़बड़ी हो गई जिस कारण टनल पूरा ना बन सका। वो काम पूरा ना होने के दुःख और अपने इस अपमान को वो सह ना सके।

जिसकी वजह से उन्होंने अपने आप को टनल में अपनी बन्दूक से गोली मार ली और मृत्यु को प्राप्त हो गए। कर्नल बड़ोग को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ोग से लगभग 1 किलोमीटर दुर कालका-शिमला नेशनल हाईवे  के पास टनल के सामने उनको दफनाया गया है।

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निष्कर्ष (Conclusion)

tunnel 33 himachal pradesh
Image: tripoto.com

दोस्तों हिमाचल के हिल स्टेशंस में बड़ोग हिल स्टेशन की अलग ही जगह है। यहाँ टनल के सफलता पुर्वक बनने के बाद लोगो ने कर्नल बड़ोग के क़ाबलियत और दूसरे कामो को भुला दिया जो की ठीक नहीं है।

उनकी आकस्मिक असफलता ने उन्हें अत्महत्या करने को मजबुर कर दिया लेकिन किसी भी मनुष्य से गलती हो सकती है ख़ास कर इतने दबाव में। ब्रिटिश सरकार को उन्हें अपने पद से नहीं हटाना चाहिए था और ना ही उन पर जुर्माना लगाना चाहिए था। इन सब कारणों की वजह से उन्हें ये कदम उठाना पड़ा।

Barog tunnel haunted story से हम सीख सकते हैं की किसी पर भी हद से ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए और अगर गलती से गलती हो भी जाए तो उसे माफ़ कर देना चाहिए।

कर्नल बड़ोग को लेकर वहाँ के लोगो की जो भी धारणा है क्या आप उससे सहमत है या आप वहा जाकर एक बार खुद इन चीज़ो का अनुभव लेना चाहते हैं। जो भी हो आप अपने अनुभव और विचार हमसे जरूर साझा करें।

FAQ (Questions asked about Barog Tunnel)

बड़ोग टनल के नज़दीक एयरपोर्ट कौन सा हैं?

बड़ोग टनल के सबसे नज़दीक शिमला हवाई अड्डा हैं।

बड़ोग टनल के पास हिल स्टेशन कौन सा हैं?

बड़ोग टनल के पास सोलन हिल स्टेशन (Solan Hill Station) हैं। जो की बड़ोग से लगभग 8 किलोमीटर की दुरी पर हैं।

बड़ोग टनल की लंबाई कितनी हैं?

कालका-शिमला रेलवे रूट पर 103 ऑपरेशनल टनल्स में से बड़ोग टनल सबसे लम्बा टनल हैं जिसकी लंबाई लगभग 1144 मीटर हैं।

बड़ोग टनल कैसे पहुँचे?

दोस्तों बड़ोग कालका-शिमला हाईवे पर चंडीगढ़ से लगभग 60 किलोमीटर दुर है और शिमला जो की हिमाचल प्रदेश की राजधानी है बड़ोग से लगभग 65 किलोमीटर की दुरी पर है। बड़ोग के ठन्डे जलवायु और चंडीगढ़ के पास होने की वजह से यहाँ बहुत से लोग आते हैं।


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